“ग्राम स्वराज आदिवासी परंपरा है. पेसा कानून इसकी आधुनिक कुंजी है.”
हिंद स्वराज में महात्मा गांधी ने वकालत की गहरी आलोचना की. उसे केवल “एक कमाई का रास्ता” बताते हुए कहा कि “वकील का स्वार्थ झगड़ा बढ़ाने में है”. यह भी कि “अगर वकील वकालत करना छोड़ दें…तो अंग्रेजी राज एक दिन में टूट जाए.” झारखंड के आदिवासी यह बात बहुत पहले से जानते आ रहे …